श्री साईतीर्थम | आज्ञा : सेवा

नर्मदा जी की प्रार्थना 

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“हे माँ नर्मदे | आपका जो भी स्वरुप है अपनी पूर्ण शक्ति और तेज के साथ अपने सौम्य एवं दिव्या स्वरुप में आश्रम में विराजित हो तथा आश्रम में आने वाले प्रत्येक प्रान्नी को आत्म शान्ति प्रदान करे एवं मनोवांछित फल प्रदान करे | हम पर आपकी सौम्य दृष्टि हमेशा बनी रहे कभी भी आश्रम  में अपना रौद्र रूप धारण न करे | यही प्रार्थना आपके श्री चरणों में है |”

शान्तिः शान्तिः शान्तिः



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