श्री साईतीर्थम | आज्ञा : सेवा

श्री साई तीर्थम 

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परं पूज्य गुरुदेव ने अपनी कृपा की वर्षा करते हुए जबलपुर के ग्वारी घाट पर प्रमुख आश्रम के निर्माण की अनुमति प्रदान कर हम शिष्यों एवं भक्तो को कृत कृत कर दिया है | यह आश्रम पुण्य सलिल नर्मदा के उस पावन तट पर निर्मित हो रहा है, जहाँ शिर्डी के साई बाबा ने अपने अज्ञातवास के वर्ष बिताये थे और यहाँ तपस्या की थी | जबाली ऋषि की तपोभूमि का यह भाग कछुए के पीठ की अकार का है और तीन दिशो से इसे, दर्शन मात्र से पाप-विमोचन करने वाली, पवन नर्मदा नदी ने घेर रखा है | हर दृष्टि से ये भूमि सभी प्रकार की साधनाओ का फल प्रदान करने वाली है |

आश्रम में शिर्डी के साई बाबा के मंदिर के साथ साथ भजन एवं सत्संग हेतु विशाल कक्ष एवं भक्तो और साधको के निवास हेतु विभिन्न भवनों का निर्माण हुआ है | भगवान् बाबा की असीम कृपा एवं परं पूज्य गुरुदेव के करुणामयी प्रेमपूर्ण मार्ग दर्शन में शिर्डी के साई बाबा का भव्य मंदिर, गुरु कक्षा बन के तैयार है | शीघ्र ही मंदिर में साई बाबा के पवन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की योजना है |

यह आश्रम विश्व में मानव सेवा की अद्वितीय आदर्श स्थापित करेगा | इसमें मंदिरों और सत्संग कक्षा के अलावा चिकित्सालय, शैक्षणिक सस्थाओ एवं अनुसन्धान केन्द्रों की भी स्थापना की जाएगी | इस श्रम में निवास करने वाले साधक ध्यान, योग आदि आध्यात्मिक साधनाओ के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रो में मानव सेवा करके आत्मोत्थान कर सकेंगी |



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