श्री साईतीर्थम | आज्ञा : सेवा

प्रार्थना

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प्रत्येक आने वाला नया साल इलेक्ट्रॉनिक विकास, परमाणु की विभीषिका को और भी विकराल रूप में तथा मानव के चारित्रिक त्रास को तरक्की के रूप में हमारे सामने रख रहा है | आतंकवाद के इस भयानक दौर में जबकि विश्व की समग्र शक्ति एकजुट होकत आतंकवाद के खात्मे के लिए प्राणपन से झूझ रही है: इस प्रक्रिया में दुर्दांत आतंकवादी नष्ट हो पाएंगे या नहीं इस पर तो संदेह है पर मानवता अवश्य नष्ट होगी | बम चाहे सरहदों पर गिरे या शेहरो पर, हर बार आत्मा की नींव ही हिलती है | युद्ध स्वयं एक समस्या है, समस्याओ का हल नहीं अतेव उसे ताल ही जाना चाहिए और इसके लिए गौतम, महावीर और महात्मा गाँधी के इस देश को आज संकट की इस घडी में हमेशा की तरह विश्व को शान्ति का रास्ता दिखाना है | पूज्य बाबा जी ने वर्षो पहले एस बात को महसूस करके मानवता को निम्न शान्ति प्रप्थाना दी | प्रत्येक धर्म ने अराधना की इस पद्धति, जिसमे ईश्वर से प्रेम तथा समर्पण की सशक्त अभिव्यक्ति निहित है तथा स्वयं के बजाये संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना होती है, को एक मत से स्वॆएकर और अपनाया है | आज संस्था से जुड़े हजारों घरो में प्रतिदिन यही प्रार्थना सुबह शाम की ज़ाती है | इसे किसी भी धर्म, संप्रदाय का अनुयायी कर सकता है 

आइये अपनी समग्र चेतना शक्ति से एकाग्रचित्त हो प्रार्थना करे तथा विश्व शांति के सद्प्रयास में एक छोटा किन्तु सार्थक योगदान दे 

“हे साईश्वर हमें एवं संपूर्ण विश्व को अणु, परमाणु युद्ध से, भूकंप, अग्नि दुर्घटना, आवागमन-परिवहन एवं समस्त वाहन सम्बन्धी दुर्घटनाओ से बचा | सबके मन में केवल प्रेम और शांति की बात आये | निरस्त्रीकरण की बात आये, सबको सद्विवेक दे, हम सब तेरे अनुयायी है, तेरे आश्रित है | हमारी करबद्ध शांति प्रार्थना पर अपनी कृपा, प्रेम और अपनी करुणा की दृष्टि डाल | अपने भक्तो की रक्षा कर| हमारे चातुर्दिक रह, हमारे अन्दर से संचालन कर, ओ सनातन, सारथी ओ साई सारथी, तेरी जय हो, जय हो, जय हो |”



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