श्री साईतीर्थम | आज्ञा : सेवा

संस्था का चिन्ह 

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पूज्य बाबा जी ने अपनी संस्था के सर्वधर्म चिह्न (लोगों) में विश्व के समस्त प्रमुख धर्मो के प्रतीक चिन्हों का समावेश किया है | उन्ही के शब्दों में – “विभिन्न धर्मो में संस्थापको ने संकेत के रूप में अपने संकेत चिन्हों रुपी ऐसे यन्त्र का निर्माण किया जिसमे अपनी सनातन चेतना, क्रियात्मिक आधारभूत विशुद्ध शक्ति को कील किया है | इस प्रकार प्रतेक धर्म संस्थापक ने ईश्वरीय गुणों को, सुक्ष्म तत्व को अभिव्यक्त करने के लिए अलग-अलग चिन्ह को प्रतीक के रूप में अपने अनुयायियों तथा मानवता के सम्मुख रखा है | वर्तमान कठिन समय में धर्म की पुनर्स्थापना हेतु साई अवतारों की श्रृंखला से जुडी पतयेक परंपरा को उन सभी प्रतीक चिन्हों को एक साथ लेकर चलना होगा, तभी साईश्वर की संपूर्ण अभिव्यक्ति पूरे भूमंडल पर अपने पूर्ण तेज व दिव्यता के साथ संभव हो सकेगी |



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